Top 10 Recycle Business Plan in Hindi लोकप्रिय रीसायकल बिज़नेस आइडियाज इन लो इन्वेस्टमेंट

Top 10 Recycle Business Plan in Hindi लोकप्रिय रीसायकल बिज़नेस  आइडियाज इन लो इन्वेस्टमेंट

 

स्क्रैप या कचरा को परिवर्तित करके नये नये उत्पाद बनाने की प्रक्रिया को रीसाइक्लिंग कहते है, स्क्रैप किसी का भी हो सकता है जैसे प्लास्टिक , मेटल, आयरन, स्टील, लकड़ी, बिजली के तार एवं रबर आदि | रीसाइक्लिंग उद्योग बड़ने से हमारी पृथ्वी का बहुत सारा कचरा कम हुआ है जिससे पोल्युशन को कम करने में मदद मिलती है और सरकार भी इस तरह के प्रोजेक्ट को बढावा देती है. आगे मै आपको बताता हूँ कुछ प्रॉफिटेबल रीसायकल बिज़नेस के बारे में

 

1. प्लास्टिक रीसायकल बिज़नेस | Plastic Recycle Business

आज पूरे विश्व में सबसे ज्यादा कचरा प्लास्टिक का पाया जाता है अगर आप प्लास्टिक स्क्रैप को रीसायकल करके प्लास्टिक दाना बनाते है और फिर प्लास्टिक दाने को नये नये रूपों में परिवर्तित करके प्लास्टिक के नये नये उत्पाद जैसे कुर्सी, बाल्टी, खिलौने, टंकी, एवं दरवाजे इत्यादि बनाते है तो आप मोटा मार्जिन कमा सकते है. और जो लोग प्लास्टिक के दाने की ट्रेडिंग करते है वो लोग भी प्लास्टिक रीसायकल का बिज़नेस करके अपना प्रॉफिट मार्जिन बड़ा सकते है |

 

2. एल्युमीनियम रीसाइक्लिंग | Recycling of Aluminium Can

एल्युमीनियम रीसाइक्लिंग का बिज़नेस बहुत ही फायदेमंद बिज़नेस है जो पूरी दुनिया में किया जाता है एल्युमीनियम स्क्रैप आप कबाड़ वालों के यहाँ, बियर शॉप और औधोगिक एरिया से निकला स्क्रैप खरीद सकते और उसे रीसायकल  करके एल्युमीनियम के नये नये उत्पाद बना सकते है

 

3. Battery Recycling बैटरी रीसाइक्लिंग

मार्केट में कई तरह की बैटरी आती है जैसे एल्कलाइन एंड कार्बन बैटरी, लिथियम बैटरी, मरकरी बैटरी, सिल्वर ऑक्साइड बैटरी, एवं जिंक एयर बैटरी इत्यादि | स्क्रैप बैटरी को रीसायकल करके उसमे मौजूद लिथियम, कोबाल्ट, कॉपर, मैगनीज आदि को निकाल लिया जाता है और उसे बाज़ार में बेच के प्रॉफिट कमाया जाता है

 

4. कांच रीसायकल बिज़नेस | Glass Recycling business

ग्लास रीसायकल का बिज़नेस काफी प्रॉफिट देता है क्यूंकि इसके रीसायकल प्लांट कम लोग लगाते है जिससे स्क्रैप ग्लास काफी सस्ता मिल जाता है और कांच को पूरा पूरा रीसायकल किया जा सकता है

 

5. टायर रीसायकल बिज़नेस | Tyre Recycle Business

टायर आमतौर पर रबर, कार्बन मिश्रण, स्टील के तार, नेचुरल एवं सिंथेटिक फाइबर से बना होता है | पुराने एवं घिसे हुए टायरों को कम दामों में खरीदकर टायर को रीसायकल करके नये नये रूपों में परिवर्तित किया जाता है, टायर को अगर रीसायकल ना किया जाये तो ये प्रकृति को बहुत नुकशान पहुचाते है

 

6. मेटल रीसायकल बिज़नेस | Metal Recycle Business

मेटल रीसायकल बिज़नेस बहुत ही प्रॉफिटेबल बिज़नेस है क्यूंकि मेटल के प्राइस वक़्त के साथ बढती घटती रहती है | स्क्रैप मेटल में बहुत सारे मेटल आते है जैसे ताम्बा, कांसा, सिल्वर, गोल्ड, एल्युमीनियम एवं मिक्स मेटल आदि को रीसायकल करके नये नये उत्पाद बनाये जाते है |

 

7. इलेक्ट्रॉनिक रीसायकल बिज़नस | Electronic Product Recycling

इस बिज़नेस में आप बाज़ार से used या बेकार इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट खरीद के उन्हें रीसायकल करके या refurbished करके दोबारा बाज़ार में अच्छे दामों में बेच सकते है. refurbished प्रोडक्ट में नये प्रोडक्ट से ज्यादा प्रॉफिट मार्जिन होता है | आज कल refurbished प्रोडक्ट की मांग बाज़ार में बहुत ज्यादा है |

 

8. लकड़ी रीसाइक्लिंग | Wood Recycling Business

लकड़ी रीसायकल का बिज़नस बहुत ही पुराना बिज़नस है आप पुराने टूटे फर्नीचर, टूटे दरवाजे, लकड़ी के कार्टून आदि को कम दामों में खरीद के लकड़ी का बुरादा बना के बेच सकते है | लकड़ी का कचरा ईंधन के रूप में भट्टे या बायलर वैगेरा में उपयोग किया जाता है |


9. कार और बाइक रीसाइक्लिंग Used Car and Bike Recycling

आज कल used और refurbished कार और बाइक का बिज़नेस बहुत तेजी से उबरा है | आप बाज़ार से पुरानी या excedental कार और बाइक खरीद के उनके अलग अलग पार्ट्स बाज़ार में बेच सकते है या उन्हें refurbished करके बाज़ार में ऊचे दामों में बेच सकते है. आज कल मारुती जैसी बड़ी बड़ी कम्पनियां refurbished कार और बाइक बेच रही है |


10. Used आयल रीसाइक्लिंग

आप कई तरह के used आयल का बिज़नस कर सकते है जैसे कार और बाइक का इंजन आयल, used कुकिंग आयल, एवं विभिन्न प्रकार के फ्यूल आयल जिन्हें रीसायकल किया जाता है और आयल को अलग अलग कामों के लिए बेचा जाता है | आज कल used आयल की मांग काफी बड गयी है इसलिए used आयल का बिज़नस काफी प्रॉफिटेबल है |

 

11. पेपर रिसाइक्लिंग बिज़नेस | Paper recycling business


आज इस डिजिटल युग में भी सबसे ज्यादा कागज का कचरा दिखाई देता है , कागज़ हमारे पेड़ - पौधों को प्रोसेस करके बनाया जाता है जिससे हमारी प्रकृति को नुकशान पहुचता है, कागज़ के कचरे को रीसायकल करके पेड़ पौधों को कटने से बचाया जा सकता है और हम पर्यावरण को स्वस्थ बनाने में योगदान दे सकते है | यदि आप खुद पेपर को रीसायकल नहीं करना चाहते है तो पेपर का कचरा इकठ्ठा करके पेपर रीसायकल फर्म को बेच करके मुनाफा कमा सकते है पेपर को रीसायकल करने के लिए पेपर को पानी में कई दिनों के लिए भिगो कर रखा जाता है और पेपर की लुगदी बना के इस्तेमाल किया जाता है 



                     Top 10 Recycle Business Ideas in hindi 


How to start plastic recycling business ? प्लास्टिक रीसाइक्लिंग का बिज़नस कैसे शुरू करें ||

HOW TO START PLASTIC RECYLING BUSINESS ? प्लास्टिक रीसाइक्लिंग का बिज़नस कैसे शुरू करें ||

 

प्लास्टिक रीसाइक्लिंग स्क्रैप प्लास्टिक को परिवर्तित करके नये नये प्लास्टिक उत्पाद बनाने की एक प्रक्रिया है , जिससे प्लास्टिक पोल्युशन को कम करने में मदद मिलती है और सरकार भी इस तरह के प्रोजेक्ट को बढावा देती है. प्लास्टिक दाना खरीद के प्लास्टिक उत्पादों का निर्माण काफी महंगा पड़ता है , अगर आप प्लास्टिक स्क्रैप को रीसायकल करके प्लास्टिक दाना बनाते है और फिर प्लास्टिक दाने को नये नये रूपों में परिवर्तित करके प्लास्टिक के नये नये उत्पाद जैसे कुर्सी, बाल्टी, खिलौने, टंकी, एवं दरवाजे इत्यादि बनाते है तो आप मोटा मार्जिन कमा सकते है. और जो लोग प्लास्टिक के दाने की ट्रेडिंग करते है वो लोग भी प्लास्टिक रीसायकल का बिज़नेस करके अपना प्रॉफिट मार्जिन बड़ा सकते है |


REQUIRED LAND आवश्यक जमीन

Plastic recyling business शुरू करने के लिए लगभग 800 से 1000 sqft जमीन की आवश्यकता होती है. जैसे जैसे प्लांट की कैपेसिटी बढेगी और ज्यादा जमीन की आवश्यकता पड़ती है. जमीन आप किराये में भी ले सकते है | जमीन रेजिडेंशियल या कमर्शियल किसी भी एरिया में ले सकते है | जमीन लेने से पहले रोड, बिजली और पानी की व्यवस्था भी देख लें . ज्यादातर प्लास्टिक स्क्रैप औधोगिक एरिया से ही निकलता है इसलिए जमीन औधोगिक एरिया से बहुत दूर नहीं होनी चाहिए |

 

PLASTIC DANA MAKING PROCESS . प्लास्टिक स्क्रैप से प्लास्टिक दाना कैसे बनाये   

सबसे पहले प्लास्टिक  स्क्रैप को इकठा किया जाता है इसके बाद सूखे और गीले प्लास्टिक कचरे को अलग अलग किया जाता है , फिर सूखे प्लास्टिक कचरे को डस्ट क्लीनर मशीन में डालकर साफ़ किया जाता है फिर इस साफ़ प्लास्टिक को प्लास्टिक स्क्रैप ग्राइंडर मशीन से छोटे छोटे  टुकड़ों में कर लिया जाता है अब इसे कन्वेयर के माध्यम से वाशिंग मशीन में डाल दिया जाता है फिर उसे ड्रायर मशीन में सुखा लिया जाता है. फिर इसके बाद इसे agglomerator मशीन में डाला जाता जहाँ इसे और छोटे छोटे टुकड़ों में निकाल लिया जाता है अब इस प्लास्टिक को हीट ट्रीटमेंट में पिघला लिया जाता है फिर प्लास्टिक को ठंडा कर लिया जाता है, अब ठन्डे प्लास्टिक को कटर मशीन से प्लास्टिक दाना बना लिया जाता है और प्लास्टिक दाने को पैक करके बाज़ार में बेच दिया जाता है.

फिर प्लास्टिक दाने को इंजेक्शन मौल्डिंग मशीन में डालकर नए रूपों में परिवर्तित कर लिया जाता है | 

The prices of machinery and equipment  are listed below :

The grinder  - Rs 85000

Anglo would - Rs 85000

Granule maker - Rs 9 lac including granule cutter.

Weighing machine, sack stitcher, etc.  Rs 2000/-

 

REQUIRED LICENSE आवश्यक पंजीकरण  

अगर आप अकेले फर्म बनाना चाहते है तो  properitership फर्म बना सकते है और अगर आप दो या दो से अधिक पार्टनर बनाना चाहते है तो आप Partnership फर्म या Private limited

Company बना सकते है यहाँ से आपको GST Nos मिल जायेगा, जिससे आप कच्चा माल और मशीन वैगेरा खरीद और बेच सकते है | इसके बाद आपको फायर डिपार्टमेंट और Polution कण्ट्रोल बोर्ड से NOC लेनी होगी. इसके बाद आप Udyam रजिस्ट्रेशन करा सकते है | अगर आप खुद के नाम से अपना प्लास्टिक का कोई प्रोडक्ट बाज़ार में बेचना चाहते है तो आप अपना trademark or Brand Name resisterd करा सकते है |


कच्चा माल प्लास्टिक स्क्रैप कहाँ से ख़रीदे Where to purchase raw material

प्लास्टिक स्क्रैप आप कबाड़ की दुकान से खरीद सकते है या औधोगिक एरिया में जहाँ जहाँ प्लास्टिक स्क्रैप निकलता है वहां जाकर आप डायरेक्ट माल खरीद सकते है जिससे आपको सस्ता माल मिल जायेगा या आप गूगल की मदद ले सकते है आपको ऑनलाइन प्लास्टिक स्क्रैप सप्लायर मिल जायेंगे आप उनसे बात करके प्लास्टिक स्क्रैप खरीद सकते है |




Plastic dana making machine

जेरेनियम की खेती कैसे करें ? HOW TO GERANIUM CULTIVATION IN INDIA ? GERANIUM KI KHETI KAISE KARE

जेरेनियम की खेती कैसे करें ? HOW TO GERANIUM CULTIVATION IN INDIA ? GERANIUM KI KHETI KAISE KARE.

हेलो फ्रेंड्स आज मै बात कर रहा हूँ , जेरेनियम की खेती के बारे में, जेरेनियम एक औषधीय पोधा है, इसकी मूल रूप से दक्षिण अफ्रीका में खेती होती है इसकी खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में होती है। जेरेनियम के पौधे से तेल निकाला जाता है जो मेंथा के तेल के विकल्प के रूप में प्रयोग किया जाता है इसके तेल का प्रयोग एरोमा थेरेपी, सौंदर्य प्रसाधन, स्वादगंध और दवा के क्षेत्र में होता है। इसका वैज्ञानिक नाम पिलारगोनियम ग्रेवियोलेन्स है

HOW TO PREPAIR GERANIUM SEEDLING ? जेरेनियम की पौध / नर्सरी कैसे तैयार करें

आमतौर पर जेरेनियम की पौधे से पौध तैयार की जाती है।  4 से 6 गाँठ वाली कलम काटकर मिटटी में लगा कर पौध तैयार की जाती है, एक  पौधे  से 10-12 कटिंग कर नए पौधे तैयार किए जाते हैं। लेकिन, बारिश के दौरान पौध खराब हो जाती थी, जिसके कारण किसानों को पौध सामग्री काफी महंगी पड़ती थी। सीमैप के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित जेरेनियम की खेती की इस नई तकनीक से करीब 30 रुपये की लागत में तैयार होने वाला पौधा अब सिर्फ 2.5 रुपये में तैयार किया जा सकेगा। पौध से पौध के बीच की दूरी 40 से 50 सेंटीमीटर होती है

TIME OF GERANIUM FARMING जेरेनियम की खेती करने का समय

अक्टूबर महीने से नर्सरी तैयार करनी शुरु कर दी जाती है, जो 20 से 25 दिनों में तैयार हो जाती है वैसे तो इसकी खेती नवंबर से लेकर फरवरी तक किसी महीने में की जा सकती है लेकिन सीमैप के वैज्ञानिक फरवरी को सही समय मानते है।

WEATHER AND SOIL FOR GERANIUM जलवायु और मिट्टी

इसकी खेती के लिए हर तरह की जलवायु उपयुक्त मानी जाती है. लेकिन कम नमी वाली हल्की जलवायु अच्छी पैदावार के लिए उत्तम मानी जाती है. जिरेनियम की खेती उस क्षेत्र में की जानी चाहिए जहाँ वार्षिक जलवायु 100 से 150 सेंटीमीटर हो. वहीं इसकी फसल के लिए जीवांशयुक्त बलुई दोमट और शुष्क मिट्टी में बेहतर मानी जाती है. जबकि मिट्टी का पीएचमान 5.5 से 7.5 होना चाहिए.

MANURES AND FERTILIZERS खाद एवं उर्वरक

जिरेनियम एक पत्तीदार फसल है. ऐसे में इसकी पत्तियों के समुचित विकास के लिए प्रति हेक्टेयर 250 क्विंटल गोबर खाद डालना चाहिए. वहीं नाइट्रोजन 125 किलोग्राम, फास्फोरस 50 किलोग्राम और पोटाश 35 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से देना चाहिए. खेत की अंतिम जुताई के समय फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा दे देनी चाहिए. जबकि नाइट्रोजन को 25 किलो के अनुपात में 16 से 19 दिनों के अंतराल में दे

इसमें पहली सिंचाई पौधों की रोपाई के बाद करना चाहिए जिससे पौधे का सही विकास हो सकेंइसके बाद मौसम और मृदा के मुताबिक 5 से 6 दिन के अंतराल पर सिंचाई करना चाहिए. बता दें कि आवश्यकता से अधिक सिंचाई करने से पौधे में जड़गलन रोग लग सकता है.

 

MAJOR SPECIES प्रमुख प्रजातियां

जिरेनियम की प्रमुख प्रजातियां अल्जीरियन, बोरबन, इजिप्सियन और सिम-पवन हैं.

 

मेंथा से ज्यादा मुनाफा देती है जिरेनियम की फसल, GERANIUM CROP GIVES MORE PROFIT THAN MENTHA.

मेंथा की अपेक्षा जिरेनियम में लागत कम और मुनाफा ज्यादा है। क्योंकि सिंचाई कम करनी पड़ती हैं  भारत में 200 टन की तेल की खपत, जबकि उत्पादन महज 5% है 20 हजार से 22 हजार पौधों की खेती प्रति एकड़ होती है, 8 से 10 लीटर तेल निकलता है चार महीने की फसल में 15 -20 हजार रुपए लीटर औसतन बिकता है तेल, जिससे चार महीने में एक से डेढ़ लाख रूपए तक की बचत हो जाती है . चार हजार पौधे बचाने होते हैं बरसात में नर्सरी के लिए। हर साल भारत में 149 टन जिरेनियम की खपत होती है लेकिन इसका उत्पादन सिर्फ 5 टन ही होता है.

HOW IS GERANIUM OIL EXTRACTED ? जिरेनियम का तेल कैसे निकाला जाता है 

जिरेनियम का तेल पौधे के रसीले तनों, पत्तियों एवं फूलों से वाष्प आसवन विधि द्वारा निकाला जाता है। इसके पौधे को रोज जिरेनियम के नाम से भी जाना जाता है।  जिरेनियम के तेल में गुलाब के तेल जैसी खुशबू आती है।

HOW TO GERANIUM FARMING IN HYDROPONICS TECHNIQUE ? हाइड्रोपोनिक विधि से जेरेनियम की खेती कैसे करें ?

हाइड्रोपोनिक विधि में मिटटी की जगह कोकोपीट का उपयोग किया जाता है कोकोपीट को ग्रो बैग में भर लिया जाता है और ड्रिपिंग विधि से पानी दिया जाता है. हाइड्रोपोनिक विधि में पौधे को पानी के द्वारा संतुलित भोजन दिया जाता है. जिससे पत्तियां और फूल ज्यादा बड़े और सुगन्धित होते है. हाइड्रोपोनिक खेती polyhouse के अंदर की जाती है, पौधे का pH 5.5 – 6.5 के बीच रक्खा जाता है, जैसे जैसे पौधा बड़ा होता जाता है उसका टीडीएस बढाया जाता है. Temperature 22 से 25 डिग्री के बीच रक्खा जाता है.


जेरेनियम की खेती कैसे करें ? HOW TO GERANIUM CULTIVATION IN INDIA ?

जेरेनियम